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भज ले रे मन बनारस, चाहे कितनी अमावस
शिव तो विराजते हैं
बहुधा हिमालय में
और
शिवालयों में
लेकिन वो सदैव हैं
परम शिवभक्तों के हृदय में

नगर बनारस की बात कुछ है
ग्यारह ज्योतिर्लिंगों से अलग
वो हृदय धन्य हैं
जो बनारस के लिए प्रेरित करते हैं
शिव के दर्शन को
उनके भजन को
बनारस पर लेखन को

शिव और बनारस से जिनको प्रेम
उनका सदैव अच्छा होता कुशल क्षेम
जब-जब भक्ति के प्रेम अंकुरित होंगे
भक्ति काव्य अनायास संचारित होंगे



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