भज ले रे मन बनारस, चाहे कितनी अमावस
शिव तो विराजते हैं
बहुधा हिमालय में
और
शिवालयों में
लेकिन वो सदैव हैं
परम शिवभक्तों के हृदय में
नगर बनारस की बात कुछ है
ग्यारह ज्योतिर्लिंगों से अलग
वो हृदय धन्य हैं
जो बनारस के लिए प्रेरित करते हैं
शिव के दर्शन को
उनके भजन को
बनारस पर लेखन को
शिव और बनारस से जिनको प्रेम
उनका सदैव अच्छा होता कुशल क्षेम
जब-जब भक्ति के प्रेम अंकुरित होंगे
भक्ति काव्य अनायास संचारित होंगे
© All Rights Reserved
बहुधा हिमालय में
और
शिवालयों में
लेकिन वो सदैव हैं
परम शिवभक्तों के हृदय में
नगर बनारस की बात कुछ है
ग्यारह ज्योतिर्लिंगों से अलग
वो हृदय धन्य हैं
जो बनारस के लिए प्रेरित करते हैं
शिव के दर्शन को
उनके भजन को
बनारस पर लेखन को
शिव और बनारस से जिनको प्रेम
उनका सदैव अच्छा होता कुशल क्षेम
जब-जब भक्ति के प्रेम अंकुरित होंगे
भक्ति काव्य अनायास संचारित होंगे
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