...

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तग़ाफ़ुल...
कभी लब पर आ कर रुक गए कभी चस्म पर यूँ ढल गए
कुछ तग़ाफ़ुल तुमसे थे हमें सब दिल में दब कर मर गए

चाहतों की फ़ेहरिस्त में एक तुमको ही मांगा जी भर के
पर जबसे हुए जुदा तुमसे अरमान सारे बिखर गए

मुझे आज भी वो याद है वो मुलाक़ात तेरे साथ की
तुम साथ थे तो मैं थी गज़ल, हर्फ़-हर्फ़ तुम बिन बिखर गए

कभी दुआओं में कभी सजदे में तस्सवुर तेरा ही किया
तुम सामने से जब भी गुजरे हम सिर झुका के चल दिए

" Raag "

© Dreamasingh

#raagquotes