...

6 views

ग़ज़ल
बस अपने काम का तू तरीक़ा बदल के देख
मंज़िल भी मिल ही जाएगी रस्ता बदल के देख

यूँ कूद जाना ट्रेन से तो हल नहीं है दोस्त
सीटें बदल के देख ले डब्बा बदल के...