...

8 views

एक आईना विश्वास का
एक आईना था
मेरे विश्वास का
टूटा बिखर गया
बिखरे हुए हर
टुकड़ों में मेरा
विश्वास था बेबस
मैने टुकड़ों को
उठा कर जैसे ही फेकना चाहा
तो देखा मेरा विश्वास
अब भी मुस्कुरा रहा था
खुद को जोड़े जा रहा था
वो थका हुआ जरूर था
पर हारा नही था l




© verma anita