...

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क़त्ल का कोई इल्ज़ाम लगा दें..........✍🏻
मुझ पे क़त्ल का कोई इल्ज़ाम लगा दें
क्यों ना बेवफ़ाई का कोई नाम लगा दें
तूं यूं ना वफ़ाओं को सरेआम रुसवा कर
इश्क़ की महफ़िल में मेरा दाम लगा दें

यादों के ज़ख़्मों को लेकर चला जाउंगा
बस एक दफ़ा उस वफ़ा का जाम लगा दें
हिज़्र का ज़िक्र आज भी लबों पे बरकरार है
मुझ पर झूठा इल्ज़ाम तूं खुले-'आम लगा दें

ये ख़ामोशी तेरी शिकायत...