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तुमसे कह नहीं पाए
बात जो तुमसे कह नहीं पाएं,
नहीं रह सकते तन्हां सफ़र में,
दिन भी गुज़ारना आसान नहीं रहा,
निंद तो आती नहीं तड़पाती ज़्यादा है,
हर एक चमन उजड़ा सा लगता है,
पल ठहर सा जाता है हर,
सबसे उखड़ा हुआ रहता हूं अब तो,
तलाश करता हूं सब में मोजुदगी तेरी,
कितना कुछ है दिखाने के लिए तुम्हें,
महसूस कर रहा हूं बस,
यहीं तो कह नहीं पाए है तुमसे....
© Hiren Brahmbhatt - HirSwa
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