...

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ज़िदगी तेरे बग़ैर!!
सोचता था ज़िंदगी कैसे तेरे बग़ैर निबाह की जायेगी,
कुछ किसी बुत के सजदे में,
कुछ तेरी खुशियों की दुआओं में बिता दी जायेगी।।

ख़ाक किया जायेगा ये जिस्म तेरी मुराद में,
और ये रूह भी मिट्टी में मिला दी...