चिट्ठी
संसार की सारी डाकखाने प्रेम से चलती
और कचहरी नफरत से।
डाकखाने आजकल कम होते जा रहे
और कचहरी ज्यादा इसमें कोई हैरत की बात नही है।।
हम दोनों रोज कम से कम एक ...
और कचहरी नफरत से।
डाकखाने आजकल कम होते जा रहे
और कचहरी ज्यादा इसमें कोई हैरत की बात नही है।।
हम दोनों रोज कम से कम एक ...