...

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हाँ, काफ़ी अन्तर है तुम्हारे और मेरे प्रेम में
हाँ, अन्तर है तुम्हारे और मेरे प्रेम में
शोर मचाती है तुम्हारा प्रेम
जब जब कलम से उतरती है,
मेरी ख़ामोशी ही मेरा प्रेम है
जो अश्क बन आँखों से उभरती है।।
बेहद करीब से गुज़र जाना
प्रेम है तुम्हारे लिए,
और कहीं दिल की किसी
कोने में हमेशा के लिए ठहर जाना
प्रेम है मेरे लिए।।
हाँ, काफ़ी अन्तर है तुम्हारे और मेरे प्रेम में ।।

#love #prem #youandme #Unknownpoet