...

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इंतजार
इंतजार किया हैं हर इश्क़ करने वाले
नें तब जाकर इश्क़ उनका मुक़्क़मल
हुआ हैं बिना इंतजार क़े बिना तड़प
क़े तों ख़ुदा भी नहीं मिलता तों इश्क़
कैसे मिलेगा रूह का इश्क़ भी तों एक
ईबादत हैं जिसमें यार ख़ुदा बन जाता
हैं जिसकी बंदगी हमारी जरुरत बन
जाती हैं फिर उसे भूल पाना आसान
नहीं होता बस उसे पाना हमारा
मकसद बन जाता हैं हर किसी को
इश्क़ नहीं मिलता कुछ क़ी जिंदगी
में बस इंतजार ही आता हैं क्योंकि
इश्क़ का दूसरा नाम इंतजार होता
हैं
© Purnima rai