विश्व गौरैया दिवस, २०, मार्च
सुंदर, चंचल गौरेया...
करुणा देखकर हंस पड़ी
कलरव सा जादू बिखरा
नैनों से पलकें झपकाई
पंखों से अभिवादन किया ,
हृदय से निच्छल स्नेह दिया
मधुर गीत गुनगुनाया ,
चहचहाती चोंच बोली...!
थोड़ा जल, थोड़ा दाना देना
छोटा सा पेट मेरा....
जिंदा रहूंगी आश बनकर,
तुम्हारे अंगना की चिड़िया रानी ।।
© -© Shekhar Kharadi
तिथि-२०/३/२०२२, मार्च
विश्वभर में आज गौरेया दिवस ( World Sparrow Day ) मनाया जाता है । प्रतिवर्ष २० मार्च विश्व गौरैया दिवस जाता है । विश्व में लगभग सभी देशों में गौरेया का अस्तित्व देखने मिलता है । इसलिए गौरेया मनाने का मुख्य उद्देश्य है कि इस दिन लोगों में गौरेया के प्रति स्नेह, करुणा भाव से यर्थाथ जागरूकता का भाव बढ़ाने और उसके संरक्षण के लिए मनाया जाता है ।
दिन-प्रतिदिन शहरों में बढ़ता प्रदूषण और जंगलों का समूल नाश से, ऊंची ऊंची कोक्रीट के बिल्डिंग के कारण उनका अस्तित्व लुप्तप्राय होने लगा है । इसलिए गौरेया को लिए हृदय से प्यार करें, अपने घर में दाना, पानी और घौंसले का इंतजाम करें । और उसकी सुंदरता की हमेशा प्रसंशा करते रहे । घर की गौरेया पहले हमारे घर में सदैव देखने मिलती थी । लेकिन पीछले कुछ वर्षों में जैसा कि हमने प्रकृति और जैव विविधता से संपर्क खो दिया है, शहर में आम घर की गौरेया को देखना अब काफी दूर्लभ हो गया है । लेकिन ग्रामीण अंचलों में उसका अस्तित्व अभी साफ़ तौर पे देखने मिलता है । खुला वातावरण और प्रकृति के लगाव के साथ घर के प्रति भी वो गुनगुनाती हुई स्नेह प्रगट करती है । इसलिए मैं खुशनसीब हूं की मेरे घर पर और आसपास बीस और पच्चीस गौरेया मौजूद हैं, जो सदैव आंगन में मधुर गीत गुनगुनाती है । पंखों से हर्ष उल्लास से खुशियां बांटती है । जिसे देखकर मन में संतुष्टि और हृदय में सुकून मिलता है । जो दया भाव और प्रकृति भाव से प्रेरित संतुलन बनाएं रखतीं हैं ।
आपसे अपने आस-पास कितनी गौरेया देखी है ? यह सवाल है जिसे स्वयं से पूछा जा सकता है , क्योंकि अब शहरों में गौरेया नहीं दिखती और न ही हाई राइजिंग इमारतों में बने फ्लैटों में घरौंदे दिखते हैं, अगर इस खूबसूरत पक्षी को बचाया है या संरक्षण करना है, तो अपने घरों में घरौंदे बनाएं, पानी का पात्र या दाना रखें, क्या पता आपके इस छोटे से स्नेह, करुणा के भाव से आसमां में फुदकती हुई गौरेया आपके आंगन या छत का मेहमान या परिवार बनकर अस्तित्व तलाशने लौट आएं । धन्यवाद ।।
करुणा देखकर हंस पड़ी
कलरव सा जादू बिखरा
नैनों से पलकें झपकाई
पंखों से अभिवादन किया ,
हृदय से निच्छल स्नेह दिया
मधुर गीत गुनगुनाया ,
चहचहाती चोंच बोली...!
थोड़ा जल, थोड़ा दाना देना
छोटा सा पेट मेरा....
जिंदा रहूंगी आश बनकर,
तुम्हारे अंगना की चिड़िया रानी ।।
© -© Shekhar Kharadi
तिथि-२०/३/२०२२, मार्च
विश्वभर में आज गौरेया दिवस ( World Sparrow Day ) मनाया जाता है । प्रतिवर्ष २० मार्च विश्व गौरैया दिवस जाता है । विश्व में लगभग सभी देशों में गौरेया का अस्तित्व देखने मिलता है । इसलिए गौरेया मनाने का मुख्य उद्देश्य है कि इस दिन लोगों में गौरेया के प्रति स्नेह, करुणा भाव से यर्थाथ जागरूकता का भाव बढ़ाने और उसके संरक्षण के लिए मनाया जाता है ।
दिन-प्रतिदिन शहरों में बढ़ता प्रदूषण और जंगलों का समूल नाश से, ऊंची ऊंची कोक्रीट के बिल्डिंग के कारण उनका अस्तित्व लुप्तप्राय होने लगा है । इसलिए गौरेया को लिए हृदय से प्यार करें, अपने घर में दाना, पानी और घौंसले का इंतजाम करें । और उसकी सुंदरता की हमेशा प्रसंशा करते रहे । घर की गौरेया पहले हमारे घर में सदैव देखने मिलती थी । लेकिन पीछले कुछ वर्षों में जैसा कि हमने प्रकृति और जैव विविधता से संपर्क खो दिया है, शहर में आम घर की गौरेया को देखना अब काफी दूर्लभ हो गया है । लेकिन ग्रामीण अंचलों में उसका अस्तित्व अभी साफ़ तौर पे देखने मिलता है । खुला वातावरण और प्रकृति के लगाव के साथ घर के प्रति भी वो गुनगुनाती हुई स्नेह प्रगट करती है । इसलिए मैं खुशनसीब हूं की मेरे घर पर और आसपास बीस और पच्चीस गौरेया मौजूद हैं, जो सदैव आंगन में मधुर गीत गुनगुनाती है । पंखों से हर्ष उल्लास से खुशियां बांटती है । जिसे देखकर मन में संतुष्टि और हृदय में सुकून मिलता है । जो दया भाव और प्रकृति भाव से प्रेरित संतुलन बनाएं रखतीं हैं ।
आपसे अपने आस-पास कितनी गौरेया देखी है ? यह सवाल है जिसे स्वयं से पूछा जा सकता है , क्योंकि अब शहरों में गौरेया नहीं दिखती और न ही हाई राइजिंग इमारतों में बने फ्लैटों में घरौंदे दिखते हैं, अगर इस खूबसूरत पक्षी को बचाया है या संरक्षण करना है, तो अपने घरों में घरौंदे बनाएं, पानी का पात्र या दाना रखें, क्या पता आपके इस छोटे से स्नेह, करुणा के भाव से आसमां में फुदकती हुई गौरेया आपके आंगन या छत का मेहमान या परिवार बनकर अस्तित्व तलाशने लौट आएं । धन्यवाद ।।
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