मंजिल
क्या हुआ कुहासा छाया है
क्या हुआ धुआं सा आया है
है पथ अदृश्य तो क्या हुआ
है मंजिल सुदूर तो क्या हुआ।
तुम भी मानव हो बलशाली
धातु को समझो तुम पुआली
यदि जोर शिखर तक का...
क्या हुआ धुआं सा आया है
है पथ अदृश्य तो क्या हुआ
है मंजिल सुदूर तो क्या हुआ।
तुम भी मानव हो बलशाली
धातु को समझो तुम पुआली
यदि जोर शिखर तक का...