तड़पन
वादा था तुम्हारा तो आज आने का,
अपने हाथों अपना मेरा व्रत खुलवाने का।
चाँद निकल आया मगर तुम नहीं आये,
तुम्हारी राह ताकते मेरे नैन पथराये।
वादा था तुम्हारा तो आज आने का,
अपने हाथों मेरा व्रत खुलवाने का।
तुम खुद चाँद हो...
अपने हाथों अपना मेरा व्रत खुलवाने का।
चाँद निकल आया मगर तुम नहीं आये,
तुम्हारी राह ताकते मेरे नैन पथराये।
वादा था तुम्हारा तो आज आने का,
अपने हाथों मेरा व्रत खुलवाने का।
तुम खुद चाँद हो...