...

4 views

अपना मंजिल
मुझे भी मंजिल कि तलाश थी।
न तो मेरे लिये दिन थी न रात थी,
मुझे भी मंजिल कि तलाश थी।

मेरे लिये न तो सुबह थी, न शाम थी।
मेरे लिये यही एक फरमान थी,
सिर्फ मुझे मंजिल कि तलाश थी।

न तो दिल में चैन थी,
भीगी! सी हमेशा नैन थी।
मैने भी सफर में कि उपवास थी
सिर्फ मुझे मंजिल कि तलाश थी ।



© sonu Kumar