...

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माँ
चोट मूझे आई है, तु क्यों रोती माँ
भूख मुझे लगी है, थकान भूलकर तु क्यों खाना पकाती माँ,
मुझे नींद ना आई, तु क्यों जागी माँ,
दुनिया को भूलकर,अपने दिल का भी हाल बतादे माँ।

मेरी परवाह छोड़, खुद का हाल देख माँ
थोड़ा आराम कर लेगी, तो कोनसा पहाड़ टूट जाएगा माँ,
मै बात छुपाऊ, तुझे कैसे पता चल जाता
जरा अपना जादू हमें भी सीखा दे,
हम भी तो तेरी छुपाई हुई परेशानियां जाने माँ।
-Shreya Vashisht