...

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ए हमसफ़र
ना तेरा साथ दे पाऊंगा
ना तेरे साथ चल पाऊंगा
बिछड़ गया अगर तो फिर तुमसे कहाँ मिल पाऊंगा

ना पीछे लौट पाऊंगा
ना आगे बढ़ा जायेगा
छुड़ाया हाथ अगर तूने तो फिर यहीं रह जाऊंगा

ना मिल तुझे पाऊंगा
ना देख तुझे पाऊंगा
टूट गया ये दिल अगर तो फिर कहाँ जी पाऊंगा

ना बिन कहे रह पाऊंगा
ना दर्द इश्क़ का सह पाऊंगा
दोबारा फिर मोहोबत हुई भी तो इज़हार कहाँ कर पाऊंगा

ना आसमां छु पाऊंगा
ना समुंदर पार कर पाऊंगा
कट गये मेरे पंख अगर तो फिर कहाँ उड़ पाऊंगा।


© The Silent one