...

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मैंने कोशिश की थी...❤️
मैंने कोशिश हज़ार की थी,
एक बार नहीं,
बार–बार की थी!
फिर भी न तुम बदले,
न तुम्हारी आदतें बदली,
अब देखो ना,,
मैंने अपनी राह ही बदल ली!!
मैंने............

ख़ुद को इतना बिजी कर लिया है,
बड़े सपनों की चाह में ,
अब तो ख़ुद के लिए भी,
समय नहीं है,
याद है न!
वो भी एक समय था,
जब तुम्हारे आगे–पीछे ,
मैंने सालों बरबाद किए थे!
कभी तो तुम ,
मुझे झूठे सपने दिखाते रहे,
कभी मेरी जगह भी मुझे दिखाते रहे,
सालों भ्रमित रहने के बाद ,
अब संभल तो चुकें हैं,
काश!
ये भरम और पहले टूटा होता,
जो समय हाथ से निकल गया,
वो न छूटा होता,
मैंने कोशिश हजार की थी...!!!

~P.s