" बचपन की वो सुनहरी यादें"
" बचपन"
बचपन, यह वह सुनहरा पल है जब हम मां के हाथ से खाते थे और बिना किसी टेंशन के सो जाते थे ,
बचपन में जब हमें कोई जरा भी डांट देता था तो हम बहुत रोते थे,
कुछ बचकाने बच्चे किसानो को खेत बोते देख कर सिक्के भी बो देते थे |
जब बचपन मे खाना नहीं खाते थे तो मां हमारे...
बचपन, यह वह सुनहरा पल है जब हम मां के हाथ से खाते थे और बिना किसी टेंशन के सो जाते थे ,
बचपन में जब हमें कोई जरा भी डांट देता था तो हम बहुत रोते थे,
कुछ बचकाने बच्चे किसानो को खेत बोते देख कर सिक्के भी बो देते थे |
जब बचपन मे खाना नहीं खाते थे तो मां हमारे...