**किसने पूछा तो मैं जाना, अभी भी जिंदा हूँ**
किसने पूछा तो मैं जाना,
अभी भी जिंदा हूँ।
उन्होंने बोली मेरा दिल पत्थर है,
धड़कता है पर बेकार है,
फिर भी जिंदा हूँ।
उम्मीदों की राहें छोड़ी,
ख्वाबों से मुंह मोड़ा,
आँखों में अश्कों का सागर,
फिर भी होंठों पर हँसी का मुखड़ा।
ग़मों का बोझ उठाए,
चलते रहने की ज़िद में,
टूटे सपनों की किरचें,
पैरों में चुभते, फिर भी जिंदा हूँ।
चुप्पी की चादर ओढ़े,
दर्द की भाषा जाने,
दिल...