pyar ye
ये प्यार है क्या
जलाता भी है और बुझाता भी है !
इंतजार भी है और ऐतबार भी है !
जब तक ना हो तो खिलौना बना रहता है
और हो जाये तो खेलता है !
किसी की आंख काजल बनता है तो किसी के आंख का आंसू !
शृंगार भी है और वैराग्य भी !
कहते प्यार वो ही हद्द से जयदा करता है...
जलाता भी है और बुझाता भी है !
इंतजार भी है और ऐतबार भी है !
जब तक ना हो तो खिलौना बना रहता है
और हो जाये तो खेलता है !
किसी की आंख काजल बनता है तो किसी के आंख का आंसू !
शृंगार भी है और वैराग्य भी !
कहते प्यार वो ही हद्द से जयदा करता है...