33 views
वो.....
कच्ची दीवार से टेक लगाए
एकतरफा गुफ्तगू में
धधका हुआ एक शोला है वो
भस्म हो कि दफ़न हो
बेफ़िक्र रात दिन के मसले से
काग़ज़ के टुकड़े सा उजला है वो
भयंकर अंदरूनी जंग में सिमटा हुआ
काल के काले घर में
पिटता हुआ एक मोहरा है वो
गर्दिश में अटका कर पाँव
वक़्त की तारीखों में उड़ता हुआ
जलजले का गोला निगला हुआ है वो.......!!
© bindu
एकतरफा गुफ्तगू में
धधका हुआ एक शोला है वो
भस्म हो कि दफ़न हो
बेफ़िक्र रात दिन के मसले से
काग़ज़ के टुकड़े सा उजला है वो
भयंकर अंदरूनी जंग में सिमटा हुआ
काल के काले घर में
पिटता हुआ एक मोहरा है वो
गर्दिश में अटका कर पाँव
वक़्त की तारीखों में उड़ता हुआ
जलजले का गोला निगला हुआ है वो.......!!
© bindu
Related Stories
62 Likes
24
Comments
62 Likes
24
Comments