मुश्किल बहुत होगी
जिस्म पर होगा नया लिबास
झुमके गालों को चूमते होंगें
मुश्किल बहुत होगी
ये ज़ख़्म जब फिर हरे होंगें
देखो ये दीयों से न शर्मा जाना
वो भी हवाओं को कोसते होंगें
रात होगी अमावस की,और
चाँद को सितारे तरसते होंगें
झुमके गालों को चूमते होंगें
मुश्किल बहुत होगी
ये ज़ख़्म जब फिर हरे होंगें
देखो ये दीयों से न शर्मा जाना
वो भी हवाओं को कोसते होंगें
रात होगी अमावस की,और
चाँद को सितारे तरसते होंगें