वक्त और हम
हम ठहरे रहें या गतिमान,
वक्त छड़ भर का है मेहमान.
पनप जाते कीड़े रुके जल मे,
स्थिर व्यक्ति की कोई नहीं पूछ किसी भी स्थल में.
वक्त ना ठहरा है,ना ठहरेगा,
हम चलें ना चलें पर हमारा वक्त ना...
वक्त छड़ भर का है मेहमान.
पनप जाते कीड़े रुके जल मे,
स्थिर व्यक्ति की कोई नहीं पूछ किसी भी स्थल में.
वक्त ना ठहरा है,ना ठहरेगा,
हम चलें ना चलें पर हमारा वक्त ना...