तमन्ना
तमन्ना बहुत है मेरी पर कुछ ही ख्वाइश का कारवां बन पाती हैं,
दुनिया को देखते देखते एक अलग ही दुनिया में मुझे ले जाती हैं,
फिक्र न होकर किसी की जहां हंसी लम्हों से मुझे रूबरू कराती हैं,
क्या कहेगा यह जमाना इस बात को मेरे दिमाग से निकालती हैं,
पंख देती यह मुझे उड़ने को तो अकेलेपन को भी मिटाती है,
दुनिया की भीड़ हो या रात का पहरा यह मुझे मुझसे मिलवाती है,
मेरी हर ख़ामोशी में यह खुद मुझसे सवाल पूछने पर मजबुर करती है,
मेरे कुछ न बोलने पर यह खुद मेरे सामने जवाब बनकर आती है,
मेरी हर सोच को ख्वाब...
दुनिया को देखते देखते एक अलग ही दुनिया में मुझे ले जाती हैं,
फिक्र न होकर किसी की जहां हंसी लम्हों से मुझे रूबरू कराती हैं,
क्या कहेगा यह जमाना इस बात को मेरे दिमाग से निकालती हैं,
पंख देती यह मुझे उड़ने को तो अकेलेपन को भी मिटाती है,
दुनिया की भीड़ हो या रात का पहरा यह मुझे मुझसे मिलवाती है,
मेरी हर ख़ामोशी में यह खुद मुझसे सवाल पूछने पर मजबुर करती है,
मेरे कुछ न बोलने पर यह खुद मेरे सामने जवाब बनकर आती है,
मेरी हर सोच को ख्वाब...