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सुबह कि खुबसुरती,
हवायो कि ठंडक, ओर दिनकर का रंग
चिडियो का गायन, है कोयल के संग
हुआ भानू उदय, पूरन दिश कि तरफ़
जगमगाहट हुई है, अब तो चारो तरफ़
चलती शीतल पवन, साफ़ देखा गगन
खुशियाँ छाई सघन,करते रवि को नमन
देख सुर्य कि लालिमा, मन तो हुआ विभोर
खुद ही खुद मै खो गए, है खुशियाँ चारो ओर
चिडियो का गायन, है कोयल के संग
हुआ भानू उदय, पूरन दिश कि तरफ़
जगमगाहट हुई है, अब तो चारो तरफ़
चलती शीतल पवन, साफ़ देखा गगन
खुशियाँ छाई सघन,करते रवि को नमन
देख सुर्य कि लालिमा, मन तो हुआ विभोर
खुद ही खुद मै खो गए, है खुशियाँ चारो ओर
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