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ख्वाब बहुत है..? ❤
नही चाहत मुझे जहाँ की इश्क़ में..
तेरी पनाहों का ये ख़िताब बहुत है..

क्या करना है पढ़कर प्रेम काव्य..
तेरे चेहरे की ही किताब बहुत है..

है पूरा यकीं तुझे इश्क है मुझसे..
इज़हार को दिल बेताब बहुत है..
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