"वो बचपन की बात थी"
याद है मुझे बचपन की वो हर बात, जब वो गलियों में खेला करते थे,
नासमझ से दिल से पूरे गाँव में डोला करते थे,
हर गली-गली सिर्फ हमारे ही शाम के चर्चे हुआ करते थे,
बड़े हो गये अब!!!!!!बड़े हो गये अब,
वो बचपन की बात थी, जब बड़े- बड़े सपनो की बातें किया करते थे,
कभी चाँद पर तो, कभी बड़े होकर तारे तोड़ लाने की बातें किया करते थे,
बैठ के किसी गलियारे में वही दोपहर बिताया करते थे,
बड़े हो गये अब!!!!!!! बड़े हो गये अब,
वो बचपन की बात थी, जब पापा के कांधे पे बैठकें सारे खेल देखा करते थे,
कभी मम्मी की रोटी की तुलना चाँद से,
तो कभी दादी की कहानिया सुनके समय बिताया करते थे,
बड़े हो गये अब!!!!!बड़े हो गये अब,
वो बचपन की...
नासमझ से दिल से पूरे गाँव में डोला करते थे,
हर गली-गली सिर्फ हमारे ही शाम के चर्चे हुआ करते थे,
बड़े हो गये अब!!!!!!बड़े हो गये अब,
वो बचपन की बात थी, जब बड़े- बड़े सपनो की बातें किया करते थे,
कभी चाँद पर तो, कभी बड़े होकर तारे तोड़ लाने की बातें किया करते थे,
बैठ के किसी गलियारे में वही दोपहर बिताया करते थे,
बड़े हो गये अब!!!!!!! बड़े हो गये अब,
वो बचपन की बात थी, जब पापा के कांधे पे बैठकें सारे खेल देखा करते थे,
कभी मम्मी की रोटी की तुलना चाँद से,
तो कभी दादी की कहानिया सुनके समय बिताया करते थे,
बड़े हो गये अब!!!!!बड़े हो गये अब,
वो बचपन की...