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मेरी कलम
मेरी कलम और मेरा रिश्ता
सबसे सरल सजीला रिश्ता
मेरे दिल की सब लिख देती
और कभी जिद पर अड़ जाती
जो न चाहूँ मैं लिखना
वो भी ये झट से लिख देती
तन्हाई मे साथ निभाती
महफिल मे भी पूछी जाती
पहचान अलग ही इससे हो गई
हस्ती मेरी भी विख्यात ही हो गई
© मधुशिल्पी
सबसे सरल सजीला रिश्ता
मेरे दिल की सब लिख देती
और कभी जिद पर अड़ जाती
जो न चाहूँ मैं लिखना
वो भी ये झट से लिख देती
तन्हाई मे साथ निभाती
महफिल मे भी पूछी जाती
पहचान अलग ही इससे हो गई
हस्ती मेरी भी विख्यात ही हो गई
© मधुशिल्पी
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