ashmita se khilvad
कभी मुझे सुनसान रास्ते से उठाता है,
फिर मेरी अस्मिता को उड़ाया जाता है,
न उम्र न रिश्ता देखते हैं बस कपड़े नोचते हैं,
हवस के प्यासे नामर्द मेरा ज़िस्म खरोंचते हैं,
कभी मेरे कपड़ो को जिम्मेदार बनाया जाता है,
फिर छोटी बच्ची को शिकार बनाया जाता है,
मुझे मारा,पीटा जाता है मेरा सर फोड़ा जाता है,
चिखूं, चिल्लाऊं मुझे फिर भी नहीं छोड़ा जाता है,
कभी मेरे...
फिर मेरी अस्मिता को उड़ाया जाता है,
न उम्र न रिश्ता देखते हैं बस कपड़े नोचते हैं,
हवस के प्यासे नामर्द मेरा ज़िस्म खरोंचते हैं,
कभी मेरे कपड़ो को जिम्मेदार बनाया जाता है,
फिर छोटी बच्ची को शिकार बनाया जाता है,
मुझे मारा,पीटा जाता है मेरा सर फोड़ा जाता है,
चिखूं, चिल्लाऊं मुझे फिर भी नहीं छोड़ा जाता है,
कभी मेरे...