कैसे कह दूँ
#InternationalMensDay
हिम्मत नहीं है यह कैसे कह दूँ,
किसी का मैं पति किसी का भाई,
तो किसी बाप हूँ।
जीवन रूपी इस संग्राम में सबका,
मैं ही एक आस हूँ।
किस तरह से मैं सबको निराश कर दूँ,
हिम्मत नहीं है यह कैसे कह दूँ,
मैं अक़्सर हर पल यही चिंता करता हूँ,
मेरा पुरुष...
हिम्मत नहीं है यह कैसे कह दूँ,
किसी का मैं पति किसी का भाई,
तो किसी बाप हूँ।
जीवन रूपी इस संग्राम में सबका,
मैं ही एक आस हूँ।
किस तरह से मैं सबको निराश कर दूँ,
हिम्मत नहीं है यह कैसे कह दूँ,
मैं अक़्सर हर पल यही चिंता करता हूँ,
मेरा पुरुष...