गुमनाम ज़िन्दगी
कोई ख़ला सी है अगर कहीं,
तो ज़रूर कुछ गया होगा।
तुम लाख छुपाओ इसे अगर,
पर चश्मे को तो अयाँ होगा।
रखते हैं तबस्सुम होठों पे लाकर, ...
तो ज़रूर कुछ गया होगा।
तुम लाख छुपाओ इसे अगर,
पर चश्मे को तो अयाँ होगा।
रखते हैं तबस्सुम होठों पे लाकर, ...