...

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मैं चाहता हूँ...

“इन बादलों की बूंदो में,
तुम्हारे साथ भीगना चाहता हूं,

जब बरस्ती बूंदे तुम्हारे लबों पे ठेहरे तो,
उन बूंदो को पीना चाहता हूं,

तुम्हारी ये भीगी साड़ी में कामिल जिस्म,
निहारती नज़रो को ये नज़ारा देना चाहता हूं,

इन गुलाबी गालों से गिलि गरदन तक,
अपने हाथ से तुम्हे लुभाना चाहता हूं,

ये...