तड़प खाकी की
इतनी नफ़रत है तुम्हें खाकी से,तो क्यों आते हो खाकी के पास
क्यों नही दूर रह खाकी से,करते क्यों नही तुम अपना काम
बेटी पैदा कि तुमने,बेटी पढ़ाया तुमने,बेटी भागी किसी गैर के साथ
दोषी कहाँ है खाकी इसमें, क्यों देते हो तुम खाकी को इल्जाम
पाल पोश जिसे बड़ा किया,उसके बारें में तुमसे...
क्यों नही दूर रह खाकी से,करते क्यों नही तुम अपना काम
बेटी पैदा कि तुमने,बेटी पढ़ाया तुमने,बेटी भागी किसी गैर के साथ
दोषी कहाँ है खाकी इसमें, क्यों देते हो तुम खाकी को इल्जाम
पाल पोश जिसे बड़ा किया,उसके बारें में तुमसे...