...

9 views

देशी बनारसी
एक समसामयिक बनारसी कविता।

गजबै रजा विकास होत हौ।
बिन पढ़लै सब पास होत हौ।
येहर कोरोना ओहर कोरोना
अदमी जीयतै लास होत हौ।
मन्दिर मस्ज़िद बन्द पड़ल हौ।
घर बैठल अरदास होत हौ।
गेरुवा अउर धानी में जमके
टीवी पर बकवास होत हौ।...