विडम्बना🙈🙉🙊
मन मौन व्रत कर अपराध करता है
किस भांति देखो आघात करता है
व्यंग पर भी गंभीरता का प्रहार करता है.
सब जान कर भी हर बार करता है। रुक गई है समय की सुई इस जंजाल में फिर भी सारथी की भाती मन अपने को ओरो से बलवान करता है अब धैर्य को भी है मोह की लालसा फिर क्यू ओरो से...
किस भांति देखो आघात करता है
व्यंग पर भी गंभीरता का प्रहार करता है.
सब जान कर भी हर बार करता है। रुक गई है समय की सुई इस जंजाल में फिर भी सारथी की भाती मन अपने को ओरो से बलवान करता है अब धैर्य को भी है मोह की लालसा फिर क्यू ओरो से...