गज़ल4
खाली दिल यार है मेरा क्यों जज्बात बने?
चांदनी रात में आ जाएं तो कुछ बात बने।
छुप के मिला करते हैं अच्छा नहीं लगता।
भरे बज्म में आ जाए तो सौगात बने।
वो कुछ बोले या ना बोले या खामोश रहे।
एक नजर देख ले मुझको तो हसरात बने।
एक मुस्कान देती है सुकून दिल को मेरे।
बोले इक बात तो कानों की समाआत बने।
© abdul qadir
चांदनी रात में आ जाएं तो कुछ बात बने।
छुप के मिला करते हैं अच्छा नहीं लगता।
भरे बज्म में आ जाए तो सौगात बने।
वो कुछ बोले या ना बोले या खामोश रहे।
एक नजर देख ले मुझको तो हसरात बने।
एक मुस्कान देती है सुकून दिल को मेरे।
बोले इक बात तो कानों की समाआत बने।
© abdul qadir