...

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मन मेरे
मन ढूंढे फुरसत के पल,
कुछ लम्हे आज कुछ लम्हे कल,
छोटी छोटी खुशियों को लेकर,
मन मेरे तू यूं ही बहता चल।

तू फूलों के रंग हज़ार देख,
तू उड़ती तितलियों को देख,
कुछ सूंघ हवाओं की खुशबू,
तू गिरते हुए पत्तों को देख।

पेचीदा है दुनिया का चक्कर,
यहां मिलता नहीं सुकून थक कर,
तू छोटी खुशियों से खुश होना सीख,
वरना बिखर जाएगा गुम हो कर।

© Musafir