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//रात रानी सा प्यार//
"झुरमट झुरमुट जैसे रातरानी
कुम्हलाई पत्तों की सरसरहाट में,
वो पहली मुलाक़ात की यादें
शरमाई कतरा कतरा मुस्कुराहट में।

महक उठा था रात रानी सा प्यार
बेवज़ह ही बहक रहे थे ख़्वाब सारे,
स्याह रात की ख़ामोशी शोर करती
अरमान दिल के परवान पे शबाब सारे।

सुलग रही थी कोमल टहनियाँ
भिगोकर चाहतें शबनम सी उस पल में,
फिर तो धडकनों का दहकना लाज़िम था
बस जीना था ज़िंदगी उस साँस चंचल में।

दहक रहे थे हम दोनों ही
लफ़्ज़ भी कर चुके थे बेज़ुबान,
आँखो ने हाल-ए-दिल कह दिया
महक गए थे उन पंखुडियों से इत्मिनान।
By Rashmi Shukla
© ©Saiyaahii🌞✒