रस्सी
#थामतेरहना
तेरा हाथ थामने पर भी अब वो सुकुन महसूस नहीं होता यारा,
क्योंकि तेरा हाथ अब उस रस्सी जैसा हो गया है जो पहले तो सहारा दिया करती थी...
लेकिन अब वो कटों वाली लोहे कि तार सी हो गई है...
इसे पकड़ा तो है मैने,मगर जितना हाथ कसती हूं, मेरे हाथों में...
तेरा हाथ थामने पर भी अब वो सुकुन महसूस नहीं होता यारा,
क्योंकि तेरा हाथ अब उस रस्सी जैसा हो गया है जो पहले तो सहारा दिया करती थी...
लेकिन अब वो कटों वाली लोहे कि तार सी हो गई है...
इसे पकड़ा तो है मैने,मगर जितना हाथ कसती हूं, मेरे हाथों में...