हौसलों की आवाज़
कुछ अनोखी है मगर डरी सी रहती है
क्या है उसके दिल में किसी से ना कहती है
उसकी काबिलियत को कोई देखता नहीं
बस एक कमी को देख नाम मिला था
इसके चलते कोई सच्चा दोस्त ना बना था
फिर मेरी उससे मुलाकात हुई
लाइब्रेरी में बातो की शुरुवात हुई
मुझ संग खूब हंसती खिलखिलाती थी
अपने दिल...
क्या है उसके दिल में किसी से ना कहती है
उसकी काबिलियत को कोई देखता नहीं
बस एक कमी को देख नाम मिला था
इसके चलते कोई सच्चा दोस्त ना बना था
फिर मेरी उससे मुलाकात हुई
लाइब्रेरी में बातो की शुरुवात हुई
मुझ संग खूब हंसती खिलखिलाती थी
अपने दिल...