सुना है शेर लिखते हो...
मेरे ख़त का, जबाब भी लिखना
हाले दिल ए बेताब भी लिखना..
मुझे तारीफें, बेहद अच्छी लगती हैं
कभी कभी मुझे, माहताब भी लिखना..
आँखों को झील, बालों को बादल
और मेरी होंठों को, शराब भी लिखना..
सुना है के, तुम अब शेर भी लिखते हो
कुछ लफ्ज़ मेरे ख़ातिर नायाब भी लिखना..
© Rajnish Ranjan
हाले दिल ए बेताब भी लिखना..
मुझे तारीफें, बेहद अच्छी लगती हैं
कभी कभी मुझे, माहताब भी लिखना..
आँखों को झील, बालों को बादल
और मेरी होंठों को, शराब भी लिखना..
सुना है के, तुम अब शेर भी लिखते हो
कुछ लफ्ज़ मेरे ख़ातिर नायाब भी लिखना..
© Rajnish Ranjan