ग़ज़ल
उसके दिल के कागज पे मैं इतवार लिखूँगा,
तेरी अंगुलियाँ कलम समझ मैं बंदना तुझे प्यार लिखूँगा.
ओस की कोई बूंद जैसी हंसी तेरी यारा, मैं धूप गुनगुनी,
रंगीन मदहोश फालगुनी जैसी कोई शाम लिखूँगा.
आँगन में तुलसी सी चहकने वाली मंदिर की घण्टी,
पूजा की batti है vandana ऐसा नाम लिखूँगा.
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तेरी अंगुलियाँ कलम समझ मैं बंदना तुझे प्यार लिखूँगा.
ओस की कोई बूंद जैसी हंसी तेरी यारा, मैं धूप गुनगुनी,
रंगीन मदहोश फालगुनी जैसी कोई शाम लिखूँगा.
आँगन में तुलसी सी चहकने वाली मंदिर की घण्टी,
पूजा की batti है vandana ऐसा नाम लिखूँगा.
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