ग़ज़ल
उसके दिल के कागज पे मैं इतवार लिखूँगा,
तेरी अंगुलियाँ कलम समझ मैं बंदना तुझे प्यार लिखूँगा.
ओस की कोई बूंद...
तेरी अंगुलियाँ कलम समझ मैं बंदना तुझे प्यार लिखूँगा.
ओस की कोई बूंद...