...

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तकरीर
बेशक तुम थोड़ी देर से आना
पर थोड़ा वक्त लेकर आना,
अपनी चोकसी की अलामत को घर छोड़ कर आना,
कब्दीर तो हमने बहुत की तकरीर करने की,
पर शायद तकदीर को मंजूर नहीं था
तकरीर का होना,
हर्फ हम आंखों से कहेंगे
बस शर्त है,
की तुम बाल बांध कर आना,
और अपनी आंखों का मनवा
और चश्मा घर छोड़ कर आना
बस थोड़ा वक्त लेकर आना।
© sharma