💌💔
उनकी आंखों में नमी थी
कंकड़ की वजह से,
आंसू की कीमत समझकर
जिनसे दिल जोड़ लिए
मुस्कुराती थी जिन
झूठों की महफिल में,
अब उनसे मेने
रिश्ते ही तोड़ दिए
पलटकर देखती थी
गली के छोर तक उनको,
मुलाकात के डर से,
रास्ते भी मोड़ लिए
दिल ने थामा है
दिमाग के शब्दों को,
न बदलेगी हकीकत चाहे,
दो चार शब्द और झूठे बोल दिए
© All Rights Reserved
कंकड़ की वजह से,
आंसू की कीमत समझकर
जिनसे दिल जोड़ लिए
मुस्कुराती थी जिन
झूठों की महफिल में,
अब उनसे मेने
रिश्ते ही तोड़ दिए
पलटकर देखती थी
गली के छोर तक उनको,
मुलाकात के डर से,
रास्ते भी मोड़ लिए
दिल ने थामा है
दिमाग के शब्दों को,
न बदलेगी हकीकत चाहे,
दो चार शब्द और झूठे बोल दिए
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