हिसाब सिर्फ तुम्हारे कामों का होगा।
गुमान ना करो तुम अपने रुतबे का,
यहां सभी किरदार हैं, जब वक्त पूरा होगा ।तो ना तुम रहोगे, ना ये रूतबा होगा।
हिसाब सिर्फ तुम्हारे कामों का होगा।
क्यों इतना ज़रूरी था उस समाज में तुम्हारा मिल जाना कि देख...
यहां सभी किरदार हैं, जब वक्त पूरा होगा ।तो ना तुम रहोगे, ना ये रूतबा होगा।
हिसाब सिर्फ तुम्हारे कामों का होगा।
क्यों इतना ज़रूरी था उस समाज में तुम्हारा मिल जाना कि देख...