...

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सूरज के साथ साथ

एक सूरज निकला अलसाया सा
एक मैं जागी अलसाई सी
सूरज से जब नजरे मिली
फिर आई तरुनाई सी
मैं भागी उसके साथ
मिलाकर ताल से ताल
बड़ा नख़रीला है वो
देखो कभी झुलसाए
कभी तरसाए और कभी
शरमा कर बादलों में छुप जाए
दिन भर ऐसे ही...