ख़ामोशी
#खाली अक्स
मैं मंच हूँ, मैं मंच हूँ
कभी महफिल मिलती तो कभी तन्हाई
मैं वही मंच हूँ जिसे रौशनी से जगमगाया जाता हैँ
तो कभी अँधेरे में सुलाया जाता हैँ
आज मुझे सजाया गया था रंगबिरंगी लड़ियो से,
कागज़ के फूलों से, मेरे हमदर्द साथी कुर्सी टेबल
माइक और दीवारें खुशी से फूली नहीं समा रही थी |
चारों और चहलकदमी हो रही थी |...
मैं मंच हूँ, मैं मंच हूँ
कभी महफिल मिलती तो कभी तन्हाई
मैं वही मंच हूँ जिसे रौशनी से जगमगाया जाता हैँ
तो कभी अँधेरे में सुलाया जाता हैँ
आज मुझे सजाया गया था रंगबिरंगी लड़ियो से,
कागज़ के फूलों से, मेरे हमदर्द साथी कुर्सी टेबल
माइक और दीवारें खुशी से फूली नहीं समा रही थी |
चारों और चहलकदमी हो रही थी |...