《AANKHO KA ANDHERA》
जिक्र क्या करँऊ इन रातों का,
सबने देखा ही तो है......
देखते सभी तारों को ; जबकी
अँधेरी रात भी तो है ।।
जलाऊँ क्या इन दियों को
सब जले हुए तो हैं.......
देखते सभी चमकती लौ को;जबकी
अँधेरा...
सबने देखा ही तो है......
देखते सभी तारों को ; जबकी
अँधेरी रात भी तो है ।।
जलाऊँ क्या इन दियों को
सब जले हुए तो हैं.......
देखते सभी चमकती लौ को;जबकी
अँधेरा...