हाँ मै ही प्रेम हूं ___
RAAJ PREEET
रख सकोगे गर सम्भाल कर तो एक निशानी हूँ मै
खो गर दोगे मुझे कभी तो बस एक कहानी हूं मै __
मै जल थल बहता सागर हूँ शाँत कोई लहर हूँ मै
हर दिल मे वास है मेरा , प्रेम से भरा शहर हूं मै __
काले बादल उलझे चाँद जैसे अन्धेरे मे वैसे गुम हो जाऊं
मिल सको मुझमे कभी तुम तो मिलकर तुमसे मै तुम हो जाऊं ___
गजल कविता शायरी ममता है मुझमे , पर मुझमे कोई ऐब नही
फरेब नफरतो मे बसते है PREM मे कोई फरेब नही ___
समझ सको तो...
रख सकोगे गर सम्भाल कर तो एक निशानी हूँ मै
खो गर दोगे मुझे कभी तो बस एक कहानी हूं मै __
मै जल थल बहता सागर हूँ शाँत कोई लहर हूँ मै
हर दिल मे वास है मेरा , प्रेम से भरा शहर हूं मै __
काले बादल उलझे चाँद जैसे अन्धेरे मे वैसे गुम हो जाऊं
मिल सको मुझमे कभी तुम तो मिलकर तुमसे मै तुम हो जाऊं ___
गजल कविता शायरी ममता है मुझमे , पर मुझमे कोई ऐब नही
फरेब नफरतो मे बसते है PREM मे कोई फरेब नही ___
समझ सको तो...