...

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होलिका जली थी
आज ही के दिन होलिका जली थी
अपने साथ बुराई ले चली थी ,
चली थी विष्णु भक्त प्रहलाद को जलाने ,
आग में लेकिन खुद ही जली थी ।
बुराई की हार और अच्छाई की जीत हुई थी ,
आज ही के दिन होलिका जली थी ,
घमंड था उसको अपने ताकत पर ।
लेकिन उस दिन वो खाक हो चुकी थी ,
आज ही के दिन होलिका जली थी ,
अपने साथ बुराई ले चली थी।

- tj dhruw